ईएमएफ और स्वास्थ्य पर कितना शोध किया गया है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा (ईएमई) के प्रभावों के संबंध में की गई वैज्ञानिक रिसर्च और जन स्वास्थ्य पर रेडियोफ्रीक्वेंसी के प्रभाव के संबंध में किए गए अध्ययन का विस्तृत डाटाबेस रखता है ।
डब्लूएचओ (WHO) की वर्ष 1981 और 1992 की समीक्षा के अनुसार, जैविक प्रभावों और रेडियोआवृत्ति क्षेत्रों से उत्पन्न एक्सपोजर के संभावित स्वास्थ्य खतरों पर 50 वर्षों से अधिक समय से रिसर्च चल रही है ।
डब्ल्यूएचओ (WHO) डाटाबेस, जो उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, दर्शाता है कि जैविक प्रभावों और विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से उत्पन्न रेडियोआवृत्ति के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर 1900 से अधिक प्रकाशित वैज्ञानिक आलेख हैं और विशेष रूप से, मोबाइल फोन नेटवर्क द्वारा उपयोग की जाने वाले रेडियोआवृत्ति पर 630 से अधिक अध्ययन उपलब्ध हैं ।
ईएमएफ स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह क्या है?
ईएमएफ और स्वास्थ्य के संबंध में डब्ल्यूएचओ कहता है ;
डब्ल्यूएचओ (WHO) की समीक्षाओं का मुख्य निष्कर्ष यह है कि आईसीएन्आईआरपी द्वारा अनुशंसित अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों में निर्धारित सीमाओं से नीचे ईएमएफ एक्सपोजर का स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया है ।
डब्ल्यूएचओ मानक और दिशानिर्देश, Link
वर्ष 2011 में डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मोबाइल फोन और स्वास्थ्य पर अपनी फ़ैक्ट शीट को अद्यतन किया और निष्कर्ष निकाला है कि :
‘‘मोबाइल फोन से स्वास्थ्य पर होने वाले संभाव्य जोखिम का पता करने के लिए पिछले दो दशकों में कई अध्ययन किए गए। लेकिन आज तक यह नहीं पाया गया कि मोबाइल के उपयोग करने से स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है’’।
ईएमएफ पर रिसर्च कहां तक की गयी है?
ईएमएफ रिसर्च के संबंध में डब्ल्यूएचओ कहता है,
“मोबाइल फोन और बेस स्टेशन सहित फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के एक्सपोजर से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभाव्य प्रभावों पर व्यापक शोध किया गया है। अब तक की गई सभी समीक्षाएं दर्शाती है कि आईसीएनआईआरपी द्वारा अनुशंसित (1998) ईएमएफ दिशानिर्देशों में निर्धारित सीमाओं से नीचे, 0-300 GHz की आवृत्ति रेंज तक, का ईएमएफ एक्सपोजर का स्वास्थ्य पर कोई ज्ञात प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखाई दिया है । हालांकि, जानकारी (Knowledge) को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि बेहतर स्वास्थ्य हेतु जोखिम का मूल्यांकन किया जा सके”।
What more needs to be done?
WHO health risk assessment for radiofrequency fields (RF) fall within the International EMF Project. The health risk assessments are the result of in-depth critical reviews conducted through independent, scientific peer-review groups.
In May 2010, the WHO announced that they “will conduct a formal health risk assessment of radiofrequency fields exposure by 2012. Meanwhile, the International Agency for Research on Cancer (IARC), a WHO specialized agency, is expected to review the carcinogenic potential of mobile phones in 2011.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फरवरी 2020 में "5जी मोबाइल नेटवर्क और स्वास्थ्य" विषय पर अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित प्रश्नोत्तर (क्यू एंड ए) में फिर से यह स्पष्ट किया है कि "आज तक और बहुत सारे शोध किए जाने के बाद वायरलेस तकनीकों के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है" (https://www.who.int/news-room/questions-and-answers/item/radiation-5g-mobile-networks-and-health).